बंटवारे के वक्त आए भारत, कोई 5वीं पास था, किसी के पास थी 8 रुपये महीने की नौकरी, खड़ा किया अरबों का कारोबार
धर्मपाल गुलाटी, रौनक सिंह और कुंदनलाल गुजराल अब इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन उनकी सफलता की कहानी आज भी लाखों युवा उद्यमियों को प्रेरित कर रही है. ये तीनों शख्सियत भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद हिंदुस्तान आए और यहां मेहनत से अपना मुकद्दर बदला.
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