सुविचार
प्रभु के लिए खुशियों के गीत गाओ, प्रभु के नाम की सेवा करो और उसके सेवकों के सेवक बन जाओ। - श्री गुरु नानक देव
‘ताकत’ की जरूरत तब होती है जब कुछ ‘बुरा’ करना हो.. वर्ना दुनिया में सब कुछ पाने के लिए ‘प्यार’ ही काफी है। - अज्ञात
ज़िंदगी हंसाए तो समझना कि अच्छे कर्मों का फल है, जब रुलाए तो समझना कि अच्छे कर्म करने का समय आ गया है। - अज्ञात
उच्चतम शिक्षा वो है जो हमें सिर्फ जानकारी ही नहीं देती बल्कि हमारे जीवन को समस्त अस्तित्व के साथ सद्भाव में लाती है। - रबिन्द्रनाथ टैगोर
खुद पीछे रहना और दूसरों को आगे कर नेतृत्व करना बेहतर होता है, खासतौर पर तब, जब आप कुछ अच्छा होने पर जीत का जश्न मना रहे हों। आप तब आगे आइए जब खतरा हो। तब लोग आपके नेतृत्व की प्रशंसा करेंगे। - नेल्सन मंडेला
हर व्यक्ति का विश्वास उसकी प्रकृति के अनुसार होता है। - श्रीमद्भगवद्गीता
सत्य से कीर्ति प्राप्त की जाती है और सहयोग से मित्र बनाए जाते हैं। - कौटिल्य अर्थशास्त्र
स्त्रियां ही परिवार, कुल व समाज के सुख का आधार हैं और इसलिए उनके अधिकारों की रक्षा करना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। - मनुस्मृति
तीन बातें कभी न भूलें - प्रतिज्ञा करके, क़र्ज़ लेकर और विश्वास देकर। - महावीर
बंधुओं! हम मौत को बुरा नहीं कहते, यदि हम जानते कि वास्तव में मरा कैसे जाता है। - श्री गुरु नानक देव
भगवान प्रत्येक वस्तु में है और सबके ऊपर भी। - श्रीमद्भगवद्गीता
स्त्री रत्न से बढ़कर कोई दूसरा रत्न नहीं है। - आचार्य चाणक्य
मन की गतिविधियों, होश, श्वास और भावनाओं के माध्यम से भगवान की शक्ति सदा तुम्हारे साथ है। - श्रीमद्भगवद्गीता
मानव के सभी गुणों में साहस पहला गुण है, क्योंकि वह सभी गुणों की जिम्मेदारी लेता है। - विंस्टन चर्चिल
आस्था वो पक्षी है जो सुबह अँधेरा होने पर भी उजाले को महसूस करता है। - रबिन्द्रनाथ टैगोर
छोटे लोग दूसरों के बारे में बातें करते हैं, बीच के लोग चीज़ों के बारे में बाते करते हैं और महान लोग सुझाव के बारे में। - शिव खेड़ा
मैं उन्हें ज्ञान देता हूँ जो सदा मुझसे जुड़े रहते हैं और जो मुझसे प्रेम करते हैं। - श्रीमद्भगवद्गीता
लापरवाही अथवा आलस्य से भेद खुल जाता है। - आचार्य चाणक्य
मूर्ख मनुष्य क्रोध को जोर-शोर से प्रकट करता है, किंतु बुद्धिमान शांति से उसे वश में करता है। - बाइबल
यदि स्वयं के हाथ में विष फ़ैल रहा है तो उसे काट देना चाहिए। - आचार्य चाणक्य
यदि स्वयं के हाथ में विष फ़ैल रहा है तो उसे काट देना चाहिए। - आचार्य चाणक्य
इंसान ज़िंदगी में दो बार बदल जाता है - एक जब कोई उसकी ज़िंदगी में आता है और दूसरा जब कोई उसकी ज़िंदगी से चला जाता है। - नागेन्द्र
मन एक भीरु शत्रु है जो सदैव पीठ के पीछे से वार करता है। - मुंशी प्रेमचंद
कोई इतना अमीर नहीं होता कि वो अपना गुजरा हुआ कल खरीद सके.....और कोई इतना गरीब नहीं होता कि वो अपना आने वाला कल न बदल सके। - नागेन्द्र
तीन चीज़ें पर्दे योग्य हैं - धन, स्त्री और भोजन। - नागेन्द्र
अपनी कमियों को लेकर आगे बढ़ने में इतनी गलतियां नहीं होती हैं, जितनी दुनिया का लिहाज करते रहने में होती हैं - अज्ञात
अपनी कमियों को लेकर आगे बढ़ने में इतनी गलतियां नहीं होती हैं, जितनी दुनिया का लिहाज करते रहने में होती हैं - अज्ञात
किसी विवाद में हम जैसे ही क्रोधित होते हैं हम सच का मार्ग छोड़ देते हैं, और अपने लिए प्रयास करने लगते हैं। - भगवान गौतम बुद्ध
शिष्य को गुरु के वश में होकर कार्य करना चाहिए। - आचार्य चाणक्य
किसी मकसद के लिए खड़े हो तो एक पेड़ की तरह, गिरो तो बीज की तरह। - स्वामी विवेकानन्द
किसी मकसद के लिए खड़े हो तो एक पेड़ की तरह, गिरो तो बीज की तरह। - स्वामी विवेकानन्द
अनुभव की पाठशाला में जो पाठ सीखे जाते हैं, वे पुस्तकों और विश्वविद्यालयों में नहीं मिलते। - अज्ञात
जीवन लम्बा होने की बजाय महान होना चाहिए। - डॉ. बी. आर. अम्बेडकर
क्रोध से शुरू होने वाली हर बात, लज्जा पर समाप्त होती है। - बेंजामिन फ्रैंकलिन
सबसे उत्तम तीर्थ अपना मन है जो विशेष रूप से शुद्ध किया हुआ हो। - आदि शंकराचार्य
अधिकतर लोग उतने ही खुश होते हैं जितना की वे होना चाहते हैं। - अब्राहम लिंकन
मैंने ये जाना है कि डर का ना होना साहस नही है, बल्कि डर पर विजय पाना साहस है। बहादुर वह नहीं है जो भयभीत नहीं होता, बल्कि वह है जो इस भय को परास्त करता है। - नेल्सन मंडेला
तुम अपने क्रोध के लिए दंड नहीं पाओगे, तुम अपने क्रोध द्वारा दंड पाओगे। - भगवान गौतम बुद्ध
इंसान को उस वक्त तक कोई नहीं हरा सकता जब तक वो अपने आप से ना हार जाए। - अज्ञात
एक बार तुम्हारे पास जो नहीं है उसकी चिंता छोड़ दोगे तो ही ‘तुम्हारे पास जो है उसका आनंद ले सकोगे’। - अज्ञात
खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है। - स्वामी विवेकानन्द
पहले वो आप पर ध्यान नहीं देंगे, फिर वो आप पर हँसेंगे, फिर वो आप से लड़ेंगे, और तब आप जीत जाएंगे। - महात्मा गाँधी
जब आपका जन्म हुआ तो आप रोए और जग हंसा था। अपने जीवन को इस प्रकार से जीएं कि जब आप की मृत्यु हो तो दुनिया रोए और आप हंसें। - कबीर
आप कस्टमर से यह नहीं पूछ सकते कि वे क्या चाहते हैं और फिर उन्हें वो बना कर दें, क्योंकि आप जब तक उसे बनाएंगे तब तक वो कुछ नया चाहने लगेंगे। - स्टीव जाब्स
मूर्खों से तारीफ सुनने से ज्यादा अच्छा है एक बुद्धिमान की डांट सुनना। - आचार्य चाणक्य
हमारी खुशी का स्रोत हमारे ही भीतर है। यह स्रोत दूसरों के प्रति संवेदना से पनपता है। - दलाई लामा
हँसमुख चेहरा रोगी के लिये उतना ही लाभकर है जितना कि स्वस्थ ऋतु। - बेंजामिन फ्रैंकलिन
अपने आप की तुलना किसी से मत करो, यदि आप ऐसा कर रहे है तो आप स्वयं अपनी बेइज़्ज़ती कर रहे हैं। - बिल गेट्स
सबसे बड़ा अपराध है अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना। - सुभाष चंद्र बोस
सबसे बड़ा अपराध है अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना। - सुभाष चंद्र बोस
क्रोध करने का मतलब है, दूसरों की गलतियों की सजा स्वयं को देना। जब क्रोध आए तो उसके परिणाम पर विचार करो। - कनफ्यूशियस
ज़िंदगी तो अपने ही दम पर जी जाती है, दूसरों के कंधों पर तो जनाज़े उठा करते हैं। - भगत सिंह
प्रेम अधिकार का दावा नहीं करता, बल्कि स्वतंत्रता देता है। - रबिन्द्रनाथ टैगोर
इंतजार करने वालों को केवल वही प्राप्त होता है, जो मेहनत करने वाले छोड़ जाते हैं। - अब्राहम लिंकन
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