ट्रेन की पटरी पर जंग क्यों नहीं लगती, जबकि खुले में रखा लोहा हो जाता है कबाड़
खुले में रखा आम लोहा कुछ ही महीनों में जंग खा कर कमज़ोर होने लगता है, लेकिन ट्रेन की पटरी सालों तक धूप, बारिश और ठंड झेलकर भी पहले जैसी मजबूत बनी रहती है. रेलवे ट्रैक भी लोहे से ही बनते हैं, फिर भी उन पर जंग का असर मामूली क्यों होता है, यही सबसे दिलचस्प बात है.
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